Saturday, July 18, 2009

किताब

वो एक किताब जो हम साथ पढ़ा करते हैं
सिरहाने नीचे वहीं की वहीं मिलेगी तुम्हें
वो ज़िन्दगी जिसे हम साथ जिया करते हैं
तुम्हारे पीछे वहीं की वहीं पड़ी है बंद

जहां से पन्ना मुड़ा देखो खोल लेना तुम

('एक चुटकी चाँदनी' से)

3 comments:

  1. जहां से पन्ना मुड़ा देखो खोल लेना तुम....wah

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  2. I LIKE EK CHUTKI CHANDNI. YE SARI BOOK HE BAHUT TOUCHING HAI. YE CHUTKI SARI DUNIA KO JAGMAGA RAHI HAI.

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