Wednesday, June 10, 2009

एक त्रिवेणी

अपनी इस याद को समझाओ कि धीरे बोले
कितनी मुश्किल से सुलाया है बिलखता हुआ दर्द

जाग जाएगा तो फिर गोद में लेना होगा !

(एक चुटकी चाँदनी)